| 1. | फ़िर बाकी सम्बन्ध सामाजिक रचना हेतु निर्मित हुये ।
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| 2. | स्वायत्तता एवं सामाजिक रचना हिंदु जीवन से ओतप्रोत बनी।
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| 3. | स्वायत्तता एवं सामाजिक रचना हिंदु जीवन से ओतप्रोत बनी।
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| 4. | अपने देश में सामाजिक रचना जाति के आधार पर है।
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| 5. | यह सच है कि भारत की सामाजिक रचना की आसान पहचान जाति से है।
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| 6. | एक और तर्कपूर्ण सामाजिक रचना आवेश जी! लगे रहिये समाज सुधार में.
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| 7. | लौकिक उन्नति के साथ न्यायपूर्ण सामाजिक रचना और उसके लिए उपयुक्त विचारों की आवश्यकता पड़ती है।
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| 8. | धर्माधारित सामाजिक रचना से ही समाज में एकात्मता और समरसता की पुनर्स्थापना की जा सकती है।
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| 9. | सुंदर सामाजिक रचना …जो लिखा है सब सच है…अगर हर गाँव रालेगन सिद्धि हो सके तो कितना अच्छा हो….
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| 10. | लौकिक उन् नति के साथ न् यायपूर्ण सामाजिक रचना और उसके लिए उपयुक् त विचारों की आवश् यकता पड़ती है।
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